"प्लास्टिक के मोह से बाहर आएं"
वर्तमान युग को अगर प्लास्टिक युग के नाम से जाना जाए तो इसमें कोई अतिश्योक्ति नहीं होगी। सारी दुनिया प्लास्टिक नामक अनोखी बिमारी से जूझ रही है। इसी कारण से UN ने वर्ष 2018 का विषय Beat Plastic Pollution रखा था।
हर वर्ष हम इतना प्लास्टिक फेंक देते हैं, जिससे पृथ्वी को चार बार लपेटा जा सके। प्लास्टिक प्रदूषण से हर वर्ष लगभग 10 लाख समुद्री स्तनधारी तथा दस लाख समुद्री पक्षी काल के कलेवर में समाते हैं; क्योंकि अंततः प्लास्टिक सभी रूप में समुद्र में जाकर ही जमा होता है। अभी समय है यह सोचने का कि किस प्रकार प्लास्टिक के उपयोग को कम किया जा सकता हैं। प्लास्टिक प्रदूषण से मुक्ति दिलाना सिर्फ सरकार की ही जिम्मेदारी नही है, किन्तु इस पर अमल करने के लिए जन-जन को हाथ से हाथ मिलाना होगा और संकल्पित होकर काम भी करना होगा।
प्लास्टिक तथा इसके प्रदूषण जो हमें जानना जरुरी हैं
- पानी की बोतल पर जो एक्सपायरी डेट लिखी होती है वह बोतल के लिए होती है न कि पानी के लिए।
- हमारे दैनिक कार्या में 50 प्रतिशत प्लास्टिक ऐसा होता है जो सिर्फ एक बार ही उपयोग में आता है।
- प्लास्टिक किसी भी रूप में लगभग 500 सालों तक पर्यावरण में रहता है।
- भारत में हर शहर से लगभग 15 हजार टन प्लास्टिक वेस्ट निकलता है। प्रत्येक मिनिट दुनिया में 1 मिलियन प्लास्टिक की बोतलों को खरीदा जाता है।
- भारत में हर साल प्रत्येक व्यक्ति द्वारा 9.7 किलोग्राम प्लास्टिक उपयोग में लाया जाता है।
प्लास्टिक प्रदूषण के कारण
- प्लास्टिक ऐसी वस्तु बन गई है जो कि घर, रसोई, पूजा-स्थल, स्नानघर आदि सभी जगह उपयोग में आने लगी है।
- प्लास्टिक महंगा नहीं है इसलिए इसका उपयोग सभी जगह सभी वर्गाें के लोगो द्वारा किया जाता है।
- कई तरह के प्लास्टिक जैसे पानी की बोतल इत्यादि का उपयोग एक बार करने के बाद फेंक दिया जाता है।
- वर्तमान में कई वस्तुएं प्लास्टिक में ही आती है, जैसे दूध, तेल, फास्टफूड इत्यादि।
पॉलीथीन जलाने पर 54 कैंसर कारक वायु में मिश्रित होते हैं तथा जहरीली गैसों में फास्फीन, कार्बनमोनो ऑक्साइड, सल्फर डाई ऑक्साइड, नाइट्रोजन डाई ऑक्साइड इत्यादि होती है। प्लास्टिक को जलाने से कई विषाक्त गैसों का विमोचन होता है, जिससे वायु प्रदूषण होता है जिसका सीधा असर हमारे फेफड़ों पर पड़ता है।
जानवरों के शरीर में प्लास्टिक का संचय हाल के प्रभावों में एक है। जमी हुई प्लास्टिक छोटे-छोटे टुकड़ों में विभाजित रहती हैं तथा जानवरों की मृत्यु के पश्चात शरीर विघटित हो जाता है तथा प्लास्टिक के टुकड़े शेष रह जाते हैं जो कि अन्य जानवरों के लिए हानिकारक हैं।
जब प्लास्टिक को कहीं भी फेंक दिया जाता है तो वह जल के संपर्क में आने पर खतरनाक रसायनों का निर्माण करता है और यह रसायन भूमि को तथा भूमिगत जल को भी अवशोषित कर प्रदूषित करते हैं।
मानव की बढ़ती उपयोगिता- आज मनुष्य प्लास्टिक का इतना आदि हो चुका है कि वह कपड़े या जूट की बनी थैलियों का प्रयोग करना ही भूल गया है अर्थात दुकानदार भी हर प्रकार के पॉलीथीन की थैलियां रखने लगे हैं और दुकानदार मजबूर भी हो गया है क्योंकि ग्राहक ने इसे पॉलीथीन थैली रखने के लिए बाध्य जो कर दिया है।
समाधान व उपाय
वैसे तो प्लास्टिक से मुक्ति के समाधानों से कोई व्यक्ति अनजान नहीं हैं सभी को पता हैं की हम प्लास्टिक से कैसे छुटकारा पा सकते हैं।
- हमें तुरंत ही पॉलीथीन को ना करना होगा अर्थात् प्लास्टिक की थैलियों की बजाय हमें कपड़े या जूट की बनी थैलियों का उपयोग आज से ही करना प्रारंभ करना होगा।
- बायोडिग्रेडेबल प्लास्टिक का उपयोग अधिक से अधिक करना होगा। इनका निर्माण सब्जियों में मौजूद वसाए तेलए कार्न व मटर से किया जाता है। यह आसानी से नष्ट हो जाते हैं तथा इनसे निकलने वाली Co2 की मात्रा भी कम होती है।
- बाजार/शॉपिंग मॉल जाते समय हमें हमेशा पास में कपड़े की या जूट की बनी थैलियां साथ रखनी चाहिए।
- शादी पार्टी आयोजनकर्ताओं को पानी पीने वाले स्थान पर डिस्पोजेबल ग्लास जगह तांबे के लौटे रखने चाहिए।
उपरोक्त परिवर्तन करके ही हम समस्या को कम कर सकते हैं तथा प्लास्टिक के प्रति हमारे मोह को भी नष्ट कर सकते हैं।
"हालांकि यह बात सत्य हैं की प्लास्टिक के उपयोग से गरीब एवं मध्यमवर्गीय लोगों के जीवन स्तर में सुधार आया है किन्तु इससे होने दुष्परिणामों को अनदेखा नहीं किया जा सकता l मित्रों अभी समय है कि हम पर्यावरण के प्रति जागरूक हो जाये नहीं तो हमारी आने वाली पीढ़ी स्वच्छ श्वास नहीं ले पायेगी, शुद्ध जल नहीं पी पायेगी। इसलिए हमें प्लास्टिक को आज से ही ना कहना चाहिएl"
नमन पटेल
पर्यावरण
शोधकर्ता
9806705406
इंदौर
बहोत ही खूब है, आपके द्वारा किया गया यह कार्य बहोत ही सराहनीय है, आज जब पूरे विश्व मे प्लास्टिक एक समस्या के रूप में देखा जा रहा है व उसके निपटान के लिए भी शोध किये जा रहे है है। आपके शोध कार्य के लिए बहोत बहोत आभार ओर आपके उज्वल भविष्य की कामना करते है ।
ReplyDeleteEnvironment ke prti logo ko awearness krne ka tarika achaa h
ReplyDeleteGood job....
नमन वास्तव में प्लास्टिक का स्वरुप हमारे पर्यावरण के साथ हमारी आने वाली पीढ़ी के लिए भी खतरनाक है,अभी भी समय है,अभी भी हम अपने पर्यावरण को बचा सकते है,प्रशासन ने नियम बना दिये पर आज भी फल ठेले वाले प्लास्टिक की थेलियों में ही फल दे देते है,प्रशासन कड़ाई से नियम का पालन करे तो प्लास्टिक का उपयोग कम जरुर हो जायेगा।प्रशासन प्लास्टिक बन्द के नाम पर अभी सुस्त कार्यवाही करती है।
ReplyDeleteबहुत धन्यवाद जी आपका। सभी मिलकर काम करेंगे तो एक दिन इस गंभीर समस्या से मुक्ति पा सकते हैं।
ReplyDelete