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Thursday, 21 March 2019

Leaving no one behind


जल धरती पर पाए जाने वाले पदार्थों में सबसे साधारण हैं किंतु गुणों में अति विशिष्ट हैं। जल एक ऐसा शब्द है जो जीवन में आदि से अंत तक विद्यमान रहता है सरल शब्दों में कहें तो जल के बिना जीवन की कल्पना करना असंभव हैl
आज 22 मार्च को विश्व जल दिवस  मनाया जा रहा है, इस दिन को विशिष्ट बनाने में हमारा ही योगदान है इसका कारण है कि शायद हम जल का शुचिता से उपयोग करना भूल चुके हैं, किंतु हमें यह भी पता है कि पूरी पृथ्वी में 75% जल है किंतु उसमें से सिर्फ 1.2% ही पीने योग्य है, फिर भी पानी का महत्व नहीं समझा जा रहा है।
यूनाइटेड नेशन ने वर्ष 2019 में विश्व जल दिवस पर थीम Leaving no one behind निर्धारित की है, अर्थात किसी को पीछे नहीं छोड़ना/ कोई भी पीछे नहीं रहे। सतत विकास की प्रक्रिया द्वारा तय किया हैं कि 2030 तक सभी के लिए सुरक्षित पानी उपलब्ध होगा, कोई भी पीछे नहीं रहेगा।
अरबों लोग आज भी सुरक्षित जल के बिना जी रहे हैं - उनके घरों, स्कूलों, कार्यस्थलों, खेतों और कारखानों में पीने योग्य जल उपलब्ध नहीं  हैं। विश्व में २.1 बिलियन लोगो को शुद्ध जल नहीं मिल पाता, जल की कमी के चलते बहुत से लोग पलायन कर जाते हैं।

जब हम अपने पारिस्थितिक तंत्र की उपेक्षा करते हैं तो इसके कई परिणाम देखने को मिलते हैं जैसे-जल प्रदूषण तथा शुद्ध जल की अनुपलब्धता।

  • एक रिपोर्ट के अनुसार बैंगलोर शहर Cape Town बनने जा रहा हैं  तथा वहाँ  ‘डे जीरो’ भी हो सकता हैं।  डे जीरो अर्थात उस शहर में नल की टोटियों से पानी आना बंद हो जाए। Cape Town दक्षिण अफ्रीका का समृद्ध शहर है  किन्तु वर्ष २०१८ में पानी की किल्लत के कारण विश्व भर में पहचान बना चूका हैं।
  •  हाल ही की खबर है कि मुरैना जिले में लोग बूंद-बूंद के लिए संघर्ष कर रहे है, २० फीट के सूखे    कुएं में सब्बल से चट्टान तोड़कर गंदा पानी निकाल रहे हैं  तथा उसे पीने  लायक बना रहे हैं।
  • महाराष्ट्र के लातूर में भी गर्मी की दिनों में पीने के पानी की ट्रैन चलानी पड़ती हैं।
ऐसे और भी कई उदाहरण हैं जिससे हम अंदाजा लगा सकते हैं कि बिन पानी सब सून। हमें चाहिए की हम जल के महत्व को समझें और भविष्य में होने वाले जल संकट को अपनी तरफ से रोके-
जैसे-  
  1. घर आए मेहमान को एक गिलास पानी  देने के बजाय आधा गिलास ही देने की आदत बनाए
  2. गाड़ी धोते समय पाइप की बजाए बाल्टी- मग का उपयोग करें।
  3. वाशिंग मशीन में रोज-रोज कपड़े ना धोते हुए तीन-चार दिन में धोये।
  4. पेड़-पौधों को दिन में पानी देने के बजाए रात में दे जिससे जल का वाष्पीकरण कम होगा।
  5. अधिक से अधिक वृक्ष लगाएं, वर्षा के जल को सहेजे।
  6. नदियों में बिना साबुन-शैम्पू से नहाएं।
  7. भूमिगत जल का दोहन कम करे।
  8. हमें यह भी चाहिए की जल शुद्धिकरण की परंपरागत तकनीकों को तो अपनाएं ही साथ में आधुनिक तकनीकों का भी प्रयोग करे।
"जल समस्या वाकई में भयावह हैं, कोई मनुष्य करीब बीस दिन तक बिना खाये रह सकता हैं किंतु पानी के बिना तीन-चार दिन से ज्यादा जीवित नहीं रह सकता। करीब 81% हम जल,गंदा करते हैं तथा बिना Treatment में जल स्त्रोतों में बहा दिया जाता हैं। मित्रों आने वाले समय में जल संकट बढ़ना ही हैं अतः पानी सहेजना हमारे लिए बहुत जरूरी हैं। हम जल शुद्धिकरण की नई -नई तकनीकें विभिन्न सोशल मीडिया जैसे You-Tube आदि के माध्यम से सीख सकते हैं। आशा हैं कि विश्व जल दिवस पर आप अपनी तरफ से जल बचाएंगे तथा Leaving no one behind को सार्थक करने में अपनी महत्वपूर्ण भूमिका निभाएंगे।"
नमन पटेल 

2 comments:

  1. बहुत रोचक जानकारी है नमन। जल संरक्षण आज की महती आवश्यकता है।। बधाई और शुभकामनाएं 💝 से...

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  2. घर आए मेहमान को एक गिलास पानी देने के बजाय आधा गिलास ही देने की आदत बनाए। बहुत अच्छा सुझाव।

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